बच्चे के विकास में सामाजिक परिस्थितियों की भूमिका महत्वपूर्ण - शोभन सिंह नेगी

बच्चे, बचपन ओर सीखना समझना विषय पर  वेबिनार आयोजित 


हरिद्वार। अब जबकि सभी स्कूल-कॉलेज बन्द हैं ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से अध्यापकों के लिए बच्चे, बचपन ओर सीखना समझना विषय पर एक वेबिनार का आयोजन माइक्रोसॉफ्ट टीम्स पर किया गया जिसमें प्रमुख वक्ता शोभन सिंह नेगी ने विभिन्न जानकारियां साझा की।  



इस ऑनलाइन वेबिनार को संबोधित करते हुए अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के शोभन सिंह नेगी ने कहा कि बच्चे , उनका बचपन व इसकी समझ शिक्षा में काम करने वाले किसी भी शिक्षाकर्मी की बुनियादी जरूरत रहती है क्योंकि स्कूल के शिक्षण कार्य में सीखने - समझने के केन्द्र में बच्चे रहते हैं । प्रारंभिक शिक्षा में बच्चों से संवाद व उनके मनोविज्ञान और बौद्धिक पक्षों को समझना शिक्षक के लिए बड़ी चुनौती होती है। उन्होंने कहा कि बच्चों के मनोवैज्ञानिक पक्ष व उनकी समझ का संबंध उनकी सामाजिक परिस्थितियां जटिल या सहज बना देती हैं । अक्सर बच्चों व वयस्कों के सोचने के तरीके , विषय व नजरिए कई मसलों में भिन्न होते हैं । बच्चों की शारीरिक अवस्था व दुनिया के उनके सीमित अनुभवों को अक्सर वयस्क भूल जाया करते हैं । श्री नेगी ने कहा कि यहीं स्कूल अथवा घर में बच्चों व शिक्षकों के मध्य सीखने - समझने की चुनौतियां उभरने लगती हैं । इस अवसर पर बच्चों के देखने के नजरिये को ऐतिहासिक दृष्टिकोण से समझना व इससे सीखने - समझने के सिद्धांतो पर विमर्श इस सत्र का मूल उद्देश्य रहा । प्रारंभिक शिक्षा से जुड़े लगभग 150 शिक्षको ने इस वेबिनार मे प्रतिभाग किया तथा अपनी विभिन्न शंकाओं का समाधान किया। वेबिनार को उपशिक्षाधिकारी खानपुर श्रीमती दीप्ति यादव, बहादराबाद श्रीमती सुमन अग्रवाल एवं रुड़की श्री सुबोध मलिक के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों से संवाद का यह ऑनलाइन सत्र निश्चित ही बच्चों के प्रति समझ को ओर अधिक गहरा करेगा उन्होंने सत्र आयोजित करने के लिए फाउंडेशन के शोभन सिंह नेगी, दीपक दीक्षित, अरुण नौटियाल, सौरभ, जितेंद्र आदि का आभार व्यक्त किया।