सोच को सलाम, सर्वत्र हो रही प्रशंसा
🇮🇳 राजस्थान के सीकर में एक गांव के प्राथमिक स्कूल में गुजरात, मध्यप्रदेश इत्यादि जगहों से आए मजदूरों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया था .....
उन मजदूरों ने देखा कि दो दशकों से स्कूल की पेंटिंग नहीं हुई है साफ सफाई नहीं हुई है तब उन मजदूरों ने सरपंच के सामने पेंटिंग करने का प्रस्ताव रखा । तुरंत ही पेंट, चूना, ब्रश इत्यादि का इंतजाम हुआ और उन मजदूरों ने अपने क्वॉरेंटाइन के दौरान पूरे स्कूल की शक्ल सूरत बदल दी और इसके लिए उन्होंने कोई पैसा नहीं लिया बल्कि सरपंच से कहा कि हम यहां पर हैं मुफ्त में खा रहे हैं तब हमारा फर्ज है कि हम कुछ न कुछ इस स्कूल को दें